गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

केदारनाथः ‘जनसैलाब’ पर ‘प्रतिबंध्’


उकेदारनाथ यात्रा के पहले दिन हजारों श्र(ालु होंगे निराशउपन्द्रह सौ से अध्कि यात्राी नहीं जा सकेंगे केदारनाथ धमउधम में एक रात में पांच हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्थासंतोष बेंजवाल

 वर्ष 2013 में केदारनाथ में आयी हिमालयी सुनामी से पहले सरकार जाग जाती तो शायद उस जलजले में हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ नहीं धेना पड़ता, लेकिन तत्काली प्रदेश सरकार के मुखिया का ध्यान तो सिपर्फ अपनी जेबों को भरने में लगा था।  उस जलजले के बाद पूरे विश्व में सरकार की थू-थू हुई। दो साल तक केदानाथ का दर्द झेलने वाले भोले नाथ के भक्तों और केदारनाथ यात्रा पर अपनी आर्थिकी को चलाने वालों को इस बाद उम्मीद है कि यात्रा अपने चरम पर रहेगी। इसके लिए वर्तमान सरकार भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पिछली गलती से सबक लेते हुए इस बार प्रदेश सरकार जाग गयी है।
इस बार केदारनाथ धम के कपाट खुलने के दिन हजारों श्र(ालु जहां निराश होंगे। वहीं व्यवस्थाओं की पहल लोगों को राहत देगी। सरकार ने इस बार कुछ अहम निर्णय लिये हैं। केदारनाथ धम में इस बार पहले दिन केवल 15 सौ यात्राी ही भगवान केदार के दर्शन कर सकेंगे। इस मौके पर राष्ट्रपति भी धम पहुंच रहे हैं। पहले दिन से लेकर माह के अंतिम दिन तक यात्रियों की सीमिति संख्या को धम में पहुंचाने का निर्णय लिया गया है। मई से इस संख्या में ध्ीरे-ध्ीरे बढ़ोत्तरी की जाएगी। जून 2013 की आपदा के बाद पुनर्निर्माण से गुजर रहे केदारनाथ में हालात सामान्य हो रहे हैं। हालांकि अभी वहां इतनी व्यवस्था नहीं हो पाई है कि एक रात में 5 हजार लोगों को ठहराया जा सके। आज की तिथि में यहां एमआई-26 हेलीपैड के किनारों पर नाली निर्माण किया जा रहा है। धम में नव निर्मित 12 काटेज हैं। 13 का निर्माण होना बाकी है। गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्किांश हट्स बपर्फबारी से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। ऐसे हालात में निगम भी अप्रैल माह में प्रतिदिन 250 यात्रियों की बुकिंग करेगा। जरूरी व्यवस्थाओं को पूरा होने पर प्रशासन और निगम यात्रियों की संख्या में इजाफा करेंगे। दिसंबर से लेकर 2 अप्रैल तक केदारनाथ में मौसम की मार ने पुनर्निर्माण कार्यों को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। तीन से पांच दिन के अंतराल में बिगड़ रहे मौसम के कारण धम में बर्फबारी हो रही है। इससे तैयारियों पर भी असर पड़ रहा है। रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी डा. राघव लंगर ने बताया कि केदारनाथ धम में अब भी 8 पफीट से अध्कि बपर्फ जमा है। साढ़े तीन माह में 15 से अध्कि बार धम में बपर्फ गिर चुकी है। केदारनाथ के कपाट खुलने पर राष्ट्रपति धम पहुंच रहे हैं। धम में भारी सुरक्षा बल तैनात रहेगा। पुजारी लोगों के साथ मीडिया व कापफी संख्या में स्थानीय लोग भी होंगे। सीमित संसाधन और जगह की कमी को देखते हुए पहले दिन 15 सौ यात्रियों को भी केदारनाथ जाने की अनुमति दी जाएगी।

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